गिनी घास 

गिनी घास की खेती देश के विभिन्न हिस्सों में होती है यह एक लंबी घनी एवं बहुवर्षीय घास है।इसे छाया वाले स्थानों पर लगाया जा सकता है । 

गिनी घास की खेती के लिये बलुई और दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है।

गिनी घास की खेती के लिए चिकनी मिट्टी व ऐसी जगह जहाँ जल भराव होता हो उपयुक्त नहीं होती है।

यदि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो गिनी घास की बुवाई सर्दियों के समय को छोड़कर पूरे वर्ष की जा सकती है। गिन्नी घास की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय जून के दूसरे सप्ताह से लेकर जुलाई के अंत तक है 

गिन्नी घास की बुवाई के लिए बीज दर पाँच किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर है।

गिन्नी घास को बुवाई के समय ४० किलोग्राम नाइट्रोजन ५० किलोग्राम फास्फोरस तथा ५० किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से देनी चाहिए। गिनी घास की खेती में आवश्यकतानुसार 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।

गिन्नी घास की पहली कटाई बुवाई से साठ दिन बाद की जाती है तथा उसके बाद हर पैंतालीस दिन के अंतराल पर कटायी की जा सकती है इस प्रकार एक साल में 5-7 बार कटायी की जा सकती है। 

गिन्नी घास की प्रत्येक कटाई से प्रति हेक्टेयर लगभग ४०० क्विंटल चारे की उपज प्राप्त होती है।